जैसा कि हम सब जानते हैं बिहार राज्य की गिनती अभी भी पिछड़े राज्यों में किया जाता है, जबकि हमारे यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस संसाधनों की कमी है।
आर्यागो का कंसेप्ट परिवहन के क्षेत्र में टैक्सी सेवा को ऑर्गेनाइज करना है, वर्तमान समय में पूरे बिहार में 96.8% टैक्सी सर्विस असंगठित है, जो पारदर्शिता के साथ ग्राहकों को सेवा उपलब्ध नहीं करा पाती हैं। अलग-अलग ग्राहकों के साथ मनमाना किराया वसूलना, या यह कहें किराया का कोई मापदंड नहीं होना।
“आर्यागो कैब” भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी टैक्सी पॉलिसी के अंतर्गत टैक्सी सेवा प्रदान करने में आ रही सभी प्रकार के खर्चों को ध्यान में रखते हुए “मिनिमम मार्जिन मैक्सिमम सेल” के फार्मूले पर टैक्सी की सभी श्रेणियों का रेट चार्ट निर्धारित किया।
वर्तमान समय में बिहार में टैक्सी में उपयोग किए जाने वाले 92.4% वाहन प्राइवेट नंबर की होती है, जिससे सरकार को प्रति वर्ष लगभग ₹15000 (प्रति वाहन) राजस्व का नुकसान होता है। अलावे इसके ग्राहकों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जाता है, प्राइवेट नंबर की टैक्सी में स्पीड गवर्नर, GPS सिस्टम, कामर्सियल इन्सुरेंस आदि सुविधाएं नहीं रहने के कारण ग्राहकों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खास करके किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर ग्राहकों को किसी प्रकार की मुआवजा या सहायता नहीं मिल पाती है। सर्विस उपयोग करने पर ग्राहक भुगतान तो करते हैं लेकिन सर्विस टैक्स (5%GST) से लेकर परमिट, फिटनेस, कमर्सियल इंश्योरेंस आदि के रूप में राजस्व सरकार तक नहीं पहुंच पाती है।
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